प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को समर्पित कीं 5800 करोड़ की वैज्ञानिक परियोजनाएं                                                                 

      

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी (LIGO-India) की आधारशिला रखने के साथ-साथ अनेक वैज्ञानिक परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा - “राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस हमारे देश के लिए एक बड़ा दिन है। हम देश के उन वैज्ञानिकों को सलाम करते हैं और उनकी सराहना करते हैं, जिन्होंने अपना जीवन भारत की वैज्ञानिक प्रगति के लिए समर्पित कर दिया। पिछले नौ वर्षों में, हमने एक मजबूत नींव रखी है ताकि भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ सके और उल्लेखनीय प्रगति कर सके।”

1998 में पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण के बाद 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने की शुरुआत 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य देश की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति में अमूल्य योगदान देने वाले भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और प्रौद्योगिकीविदों को सम्मानित करना और उनके योगदान के महत्व से नई पीढ़ी को अवगत कराना है। तब से, हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है।

पीएम मोदी ने LIGO-India, हिंगोली; होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, जटनी, ओडिशा; और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई के प्लेटिनम जुबली ब्लॉक की आधारशिला भी रखी।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी (LIGO-India) की आधारशिला रखने के साथ-साथ अनेक वैज्ञानिक परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया।


लीगो-इंडिया, जो हिंगोली, महाराष्ट्र में स्थापित किया जा रहा है, दुनिया कुछ चुनिंदा लेजर इंटरफेरोमीटर गुरुत्वाकर्षण तरंग वेधशालाओं में से एक है। यह चार किलोमीटर लंबी एक अत्यंत संवेदनशील इंटरफेरोमीटर है, जो बड़े पैमाने पर ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारे जैसे खगोलीय पिंडों के विलय के दौरान उत्पन्न गुरुत्वाकर्षण तरंगों को अनुभव करने में सक्षम है।

लीगो-इंडिया, अमेरिका में संचालित ऐसी दो वेधशालाओं के साथ मिलकर काम करेगी; जिनमें से एक वेधशाला हनफोर्ड, वाशिंगटन और दूसरी वेधशाला लिविंगस्टन, लुइसियाना में स्थित है।

उन्होंने विशाखापत्तनम में स्थापित ‘रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट प्लांट’ भी देश को समर्पित किया। यह सुविधा भारत को उन राष्ट्रों की सूची में प्रवेश को चिह्नित करेगी, जो दुर्लभ पृथ्वी स्थायी चुम्बकों का उत्पादन कर सकते हैं। इसे विशाखापत्तनम में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र परिसर में विकसित किया गया है। यह सुविधा स्वदेशी तकनीक के आधार पर विकसित की गई है।

पीएम मोदी ने नवी मुंबई में टाटा मेमोरियल सेंटर में अत्याधुनिक नेशनल हैड्रॉन बीम थेरेपी सुविधा की नींव रखने की भी घोषणा की है। यह सुविधा ट्यूमर के उपचार के दौरान आसपास की सामान्य संरचनाओं तक न्यूनतम विकिरण की डोज के साथ कैंसरग्रस्त ऊतकों तक विकिरण की सटीक डिलीवरी करने का काम करती है। लक्षित ऊतकों तक डोज की सटीक डिलीवरी रेडिएशन थैरेपी के प्रारंभिक और विलंबित दुष्प्रभावों को कम करती है।

भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के ट्रॉम्बे परिसर में स्थित विखंडन मोलिब्डेनम-99 उत्पादन सुविधा, एक अन्य परियोजना थी, जिसे गुरुवार को देश को समर्पित किया गया। मोलिब्डेनम-99 टेक्नटियम-99एम का जनक है, जिसका उपयोग 85% से अधिक इमेजिंग प्रक्रियाओं में कैंसर, और हृदय रोगों का शुरुआती दौर में पता लगाने के लिए किया जाता है। इस सुविधा से हर साल लगभग 9-10 लाख रोगियों के परीक्षण की उम्मीद की जा रही है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वक्तव्य में बताया गया है कि प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर 5,800 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई है, या फिर उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया गया है।


इंडिया साइंस वायर

ISW/USM/DST/NTD/HIN/11/05/2023