डॉ जितेंद्र सिंह ने किया कठुआ में बायोटेक पार्क का उद्घाटन                                                                 

      

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के घट्टी में उत्तर भारत के पहले बायोटेक पार्क का उद्घाटन किया है। इस अवसर पर डॉ सिंह ने कहा कि कठुआ अपनी भौगोलिक स्थिति एवं समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के कारण उत्तर भारत का स्टार्टअप गंतव्य बनने के लिए तैयार है।

डॉ सिंह ने बताया कि इस तरह के दो औद्योगिक बायोटेक पार्क जम्मू-कश्मीर में स्थापित किए जा रहे हैं, इनमें से एक जम्मू क्षेत्र के कठुआ जिले के घट्टी में है, तो दूसरा बायोटेक पार्क कश्मीर के हंदवाड़ा में है। प्रौद्योगिकी ऊष्मायन, प्रशिक्षण और कौशल विकास के अलावा इस बायोटेक पार्क में हर्बल निष्कर्षण, किण्वन, विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला, आसवन, प्लांट टिश्यू कल्चर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह न केवल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, बल्कि पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के कृषि-उद्यमियों, स्टार्टअप्स, प्रगतिशील किसानों, युवा उद्यमियों, वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और छात्रों के लिए भी उपयोगी होगा। यह बायोटेक पार्क मुख्य रूप से स्टार्टअप्स के नये विचारों के ऊष्मायन के केंद्र के रूप में कार्य करेगा, और उन्हें उद्योंगों से जुड़ने के लिए सहायता प्रदान करेगा।

इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि कठुआ में औद्योगिक बायोटेक पार्क का आरंभ अर्थव्यवस्था के लिए परिवर्तनकारी होगा, और वैज्ञानिकों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने कहा कि सक्षम बुनियादी ढांचा नवाचार की नई लहर को बढ़ावा देगा और स्वास्थ्य एवं कृषि से लेकर सौंदर्य प्रसाधन और सामग्री तक विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करेगा।

भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और जम्मू-कश्मीर साइंस, टेक्नोलॉजी ऐंड इनोवेशन काउंसिल द्वारा संयुक्त रूप से इन औद्योगिक पार्कों को स्थापित करने का कार्य फरवरी 2019 में आरंभ किया गया था। जबकि, सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन, (सीएसआईआर-आईआईआईएम), जम्मू को इस परियोजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जम्मू-कश्मीर में शुरू किए जा रहे बायोटेक पार्क जैव प्रौद्योगिकी विभाग के समर्थन से विभिन्न राज्यों में शुरू किए जाने वाले 09 जैव प्रौद्योगिकी पार्कों में शामिल हैं।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के घट्टी में उत्तर भारत के पहले बायोटेक पार्क का उद्घाटन किया है। इस अवसर पर डॉ सिंह ने कहा कि कठुआ अपनी भौगोलिक स्थिति एवं समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के कारण उत्तर भारत का स्टार्टअप गंतव्य बनने के लिए तैयार है।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि कठुआ का नाम अब भारत के उन विकसित क्षेत्रों में शामिल हो गया है, जहाँ बायोटेक पार्क स्थापित किए गए हैं, जो न केवल देश, बल्कि पूरी दुनिया से नवाचारों और अनुसंधान को आकर्षित कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले 25 वर्ष देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि जब भारत वर्ष 2047 में अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा, तो कठुआ के युवा भारत को 'विश्व गुरु' बनाने में प्रमुख योगदानकर्ताओं के रूप में शामिल होंगे।

डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसी क्षेत्रीय पूर्वाग्रह के बिना केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर ने शिक्षा, स्वास्थ्य के बुनियादी ढाँचे, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास की एक नई सुबह देखी है। एम्स, आईआईएम, आईआईटी, आईआईएमसी, जम्मू के केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरिक्ष केंद्र की स्थापना, राजमार्ग गाँव, एक्सप्रेस कॉरिडोर, अटल सेतु, मेगा-क्विंटल बीज प्रसंस्करण संयंत्र, मेडिकल कॉलेज, जिनमें से कुछ कठुआ में स्थापित किए गए हैं, उन राष्ट्रीय परियोजानओं में शामिल हैं, जो जम्मू-कश्मीर में पिछले आठ वर्षों में आकार ले रही हैं। कठुआ में स्थापित नये बायोटेक पार्क में हर वर्ष 25 स्टार्टअप तैयार करने की क्षमता है।

डॉ जितेंद्र ने कहा कि 'स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया' के तहत स्टार्टअप क्रांति अब जम्मू-कश्मीर में शुरू हो गई है, अरोमा मिशन की कड़ी से जुड़े स्टार्ट-अप्स इसके सबसे अच्छे शुरुआती बिंदु हैं। जम्मू के भद्रवाह में लैवेंडर की खेती से जुड़े किसान भारतभूषण का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि केवल कुछ ही वर्षों में अपनी आय को चौगुना करके भारतभूषण भारत में अरोमा मिशन के ब्रांड एंबेसडर के रूप में उभरे हैं।

वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक सीएसआईआर-आईआईआईएम, और ओएसडी बायोटेक पार्क, घट्टी, कठुआ, डॉ जबीर अहमद ने बताया कि भारत के शीर्ष वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीविद इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। इनमें भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव तथा वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान विभाग (सीएसआईआर) के महानिदेशक डॉ राजेश गोखले, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ एम. रविचंद्रन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. एस. चंद्रशेखर, सीएसआईआर-आईआईआईएम के निदेशक डॉ डी.एस. रेड्डी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जम्मू-कश्मीर सरकार के सचिव डॉ आलोक कुमार, डीडीसी अध्यक्ष कठुआ, कर्नल महान सिंह, उपाध्यक्ष डीडीसी, कठुआ, रघुनंदन सिंह, जम्मू और कश्मीर के विश्वविद्यालयों के कुलपति, आईआईटी, एम्स, आईआईएम जैसे संस्थानों के निदेशक, उद्योगपति, कृषि-उद्यमी, स्टार्टअप, शोधार्थी और छात्र इस उद्घाटन समारोह में शामिल हुए हैं।


इंडिया साइंस वायर

ISW/USM/CSIR/Biotech Park/Hin/29/05/2022