पैसिव फायर सिस्टम परीक्षण के लिए नई प्रयोगशाला                                                                 

      

प्रयोगशाला के उद्घाटन के अवसर पर प्रोफेसर रजत मूना; आईआईटी गाँधीनगर के संकाय सदस्य; और एएएजी इंडिया के मैनेजिंग पार्टनर मुकेश शाह

ग से सुरक्षा संबंधित इंजीनियरिंग को बढ़ावा देने और पैसिव फायर सिस्टम के परीक्षण के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गाँधीनगर में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप एक नई एवं उन्नत प्रयोगशाला स्थापित की गई है। पैसिव फायर बैरियर के लिए अनुसंधान एवं विकास और परीक्षण प्रयासों में यह प्रयोगशाला सहायता करेगी।

यह प्रयोगशाला एक परीक्षण सुविधा केंद्र के रूप में कार्य करेगी; और उद्योगों को नये फायर उत्पाद विकसित करने तथा विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बिल्डिंग कोड्स के अनुपालन में सहायक होगी। इससे ऊँची इमारतों, हवाईअड्डों, मेट्रो रेल, और अन्य बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में बिल्डिंग घटकों के परीक्षण के माध्यम से अग्नि सुरक्षा को बढ़ाया जा सकेगा। यह अत्याधुनिक सुविधा केंद्र अग्निरोधी दरवाजों, आग प्रतिरोधी दीवारों, डैम्पर्स, फायर पर्दों, दरवाजों के हार्डवेयर, हॉरिजॉन्टल थ्रु पेनीट्रेशन फायरस्टॉप्स, और 3x3 मीटर नमूना आकार तक के ऐसे अन्य उत्पादों के परीक्षण करने में सक्षम है।

नई प्रयोगशाला सुविधा को अंतरराष्ट्रीय मानक निकायों से मान्यता प्राप्त होगी और यह भारतीय निर्माताओं को उत्पाद डिजाइन और निर्माण में वैश्विक मानकों को प्राप्त करने में सहायता करेगी। आईआईटी गाँधीनगर के निदेशक प्रोफेसर रजत मूना और देश के अग्रणी अग्निशमन उपकरण निर्माता ‘शाह भोगीलाल जेठालाल ऐंड ब्रदर्स’ (एएएजी इंडिया) के मैनेजिंग पार्टनर मुकेश शाह की उपस्थिति में इस सुविधा का उद्घाटन हाल में किया गया है। इस प्रयोगशाला की स्थापना एएएजी इंडिया के सहयोग से की गई है।


आग से सुरक्षा संबंधित इंजीनियरिंग को बढ़ावा देने और पैसिव फायर सिस्टम के परीक्षण के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गाँधीनगर में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप एक नई एवं उन्नत प्रयोगशाला स्थापित की गई है। पैसिव फायर बैरियर के लिए अनुसंधान एवं विकास और परीक्षण प्रयासों में यह प्रयोगशाला सहायता करेगी।


नई प्रयोगशाला, सार्वभौमिक रूप से स्वीकार्य उत्पादों के डिजाइन और निर्माण में वैश्विक मानकों को प्राप्त करने में भारतीय निर्माताओं की सहायता करेगी। इस पहल के माध्यम से, अग्नि सुरक्षा उद्योग क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ प्रयासों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे ऐसे उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने में भी मदद मिल सकती है। आईआईटी गाँधीनगर के वक्तव्य में बताया गया है कि इस लैब के उपकरण के स्वदेशी डिजाइन इसे लागत प्रभावी बनाते हैं। इससे मौजूदा उत्पाद डिजाइन और लागत के बीच अनुकूलन स्थापित हो सकेगा।

आईआईटी गाँधीनगर के निदेशक प्रोफेसर रजत मूना ने कहा - “हमने पिछले कुछ वर्षों में आवासीय, व्यावसायिक, या औद्योगिक स्थानों के डिजाइन और उपयोग में बड़े पैमाने पर बदलाव देखे हैं, जो आग के खतरों से सुरक्षा प्रदान करने वाले उत्पादों के निरंतर अनुसंधान और विकास की माँग करते हैं। यह खुशी की बात है कि हमारी टीम ने स्वदेशी रूप से अंतरराष्ट्रीय मानकों की यह प्रयोगशाला विकसित की है। मुझे विश्वास है कि यह अभिनव उत्पादों के विकास और परीक्षण में भारतीय निर्माताओं को आवश्यक सहायता प्रदान करेगी और 'मेड इन इंडिया' अग्नि सुरक्षा उपकरणों को बढ़ावा देगी।”

पैसिव फायर प्रोटेक्शन (पीएफपी) किसी इमारत या संरचना के घटक होते हैं, जो परंपरागत फायर सिस्टम को सक्रिय किये बिना; और आमतौर पर बिना गति के आग या धुएँ के प्रसार को कम करने के लिए जाने जाते हैं। पैसिव या निष्क्रिय फायर सुरक्षा प्रणालियों के उदाहरणों में विशिष्ट रूप से निर्मित फ्लोर-सीलिंग और छत, अग्नि प्रतिरोधी दरवाजे एवं खिड़कियां, वॉल असेंबली, आग प्रतिरोधी कोटिंग्स, और अग्नि प्रतिरोधी एवं धुआँ नियंत्रण संबंधी अन्य तकनीकें शामिल हैं।

एएएजी इंडिया के मैनेजिंग पार्टनर मुकेश शाह ने कहा है कि “आवासीय और औद्योगिक परियोजनाओं में विभिन्न प्रकार की सामग्रियों के तेजी से बदलते उपयोग के साथ किसी भी प्रकार के अग्नि ख़तरे के परिदृश्य को समझने और तैयार रहने के लिए अग्नि सुरक्षा इंजीनियरिंग को बढ़ावा देना समय की आवश्यकता है। यह परीक्षण सुविधा बेहतर अग्नि सुरक्षा के लिए उत्पादों को विकसित करने में मदद करेगी।”


इंडिया साइंस वायर

ISW/USM/IITGN/Fire-Safety/HIN/12/12/2022