डॉ डी. श्रीनिवास रेड्डी को सीएसआईआर-सीडीआरआई का अतिरिक्त प्रभार                                                                 

      

सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई), लखनऊ के निदेशक के रूप में डॉ. डी. श्रीनिवास रेड्डी ने 31 जनवरी, 2022 को अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण किया है। वह वर्तमान में सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (सीएसआईआर-आईआईआईएम), जम्मू के निदेशक हैं। प्रोफेसर तपस कुमार कुंडू कल सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वह जेएनसीएएसआर, बेंगलूरू में प्रोफेसर के रूप में अपना कार्य जारी रखेंगे।

डॉ. रेड्डी के पास फार्मास्युटिकल उद्योग और अनुसंधान संस्थान दोनों ही क्षेत्रों में अनुसंधान अनुभव का अच्छा समावेश है। उन्होंने सात साल (डॉ रेड्डीज और टाटा एडविनस) के लिए फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में सेवाएं दी हैं। इंडस्ट्री में उनकी टीम द्वारा खोजा गया एक औषधीय यौगिक (लिकोग्लिफ्लोज़िन) वर्तमान में मनुष्यों पर द्वितीय चरण के चिकित्सीय परीक्षण (ह्यूमन फेज़-II क्लीनिकल ट्रायल) में है।

डॉ. रेड्डी ने अपनी पीएच.डी. हैदराबाद विश्वविद्यालय से वर्ष 2000 में प्रोफेसर गोवर्धन मेहता के मार्गदर्शन में पूरी की। तत्पश्चात् उन्होंने प्रो. सर्गेई ए. कोज़मिन (यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो, यूएसए) और प्रो. जेफ़री औबे (यूनिवर्सिटी ऑफ़ कान्सास, यूएसए) के साथ पोस्ट-डॉक्टोरल शोध कार्य किया।


सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई), लखनऊ के निदेशक के रूप में डॉ. डी. श्रीनिवास रेड्डी ने 31 जनवरी, 2022 को अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण किया है। वह वर्तमान में सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (सीएसआईआर-आईआईआईएम), जम्मू के निदेशक हैं। प्रोफेसर तपस कुमार कुंडू कल सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वह जेएनसीएएसआर, बेंगलूरू में प्रोफेसर के रूप में अपना कार्य जारी रखेंगे।

अमेरिका में अपनी पोस्ट-डॉक्टोरल ट्रेनिंग के पश्चात डॉ रेड्डी भारत वापस आ गए। डॉ. रेड्डी को प्राकृतिक उत्पादों के संश्लेषण/औषधीय रसायन विज्ञान/औषधि अनुसंधान के क्षेत्र में 20 वर्षों से अधिक का अनुसंधान अनुभव है। उन्होंने एसईआरबी, डीएसटी, भारत सरकार द्वारा प्रदत्त प्रतिष्ठित सर जे.सी. बोस नेशनल फेलोशिप सहित कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त किए हैं। रसायन विज्ञान में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार (SSB), भौतिक विज्ञान में अनुप्रयोग-उन्मुख नवाचारों (इन्नोवेशन्स) के लिए नासी-रिलाएंस इंडस्ट्रीज (NASI-Reliance Industries) प्लेटिनम जयंती पुरस्कार, रासायनिक विज्ञान में उनके योगदान हेतु सीआरएसआई कांस्य पदक, औषधि अनुसंधान में उत्कृष्ट शोध हेतु सीडीआरआई पुरस्कार (रासायनिक विज्ञान में) एवं सन फार्मा रिसर्च अवार्ड (रैनबैक्सी रिसर्च अवार्ड) आदि अनेक पुरस्कार प्राप्त किए हैं।

डॉ रेड्डी, भारतीय विज्ञान अकादमी, भारत (एफएएससी) और नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, भारत (एफएनएससी) के फेलो हैं। इसके साथ ही, वह महाराष्ट्र एकेडमी ऑफ साइंसेज, तेलंगाना एकेडमी ऑफ साइंसेज एवं नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, भारत (NASI) के फेलो चुने जा चुके हैं। डॉ रेड्डी के क्रेडिट में 120 से अधिक शोध प्रकाशन हैं और 35 से अधिक पेटेंट के वे आविष्कारक हैं।

इस अवसर पर सीडीआरआई के सभी वैज्ञानिकों, प्रशासनिक कर्मचारियों और छात्रों ने प्रोफेसर तपस कुमार कुंडू को उनकी सेवानिवृत्ति पर शुभकामनाएं दीं एवं डॉ. डी. श्रीनिवास रेड्डी के सक्षम नेतृत्व में हर संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए उनके साथ कार्य करने हेतु एकजुटता दिखाई है।


इंडिया साइंस वायर

ISW/USM/CSIR-CDRI/Director/Hin/01/02/2021