बाजार से बेहतर सीएसआईआर के प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद                                                                 

      

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्ष वर्धन को स्प्रेयर के बारे में बताते हुए डॉ पटेल

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की प्रयोगशालाओं द्वारा बनाए गए खाद्य उत्पाद किफायती, पोषक, स्वादिष्ट और दुष्प्रभाव रहित होने के कारण बाजार में उपलब्ध उत्पादों की तुलना में बेहतर होते हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने ये बातें नई दिल्ली में खाद्य प्रसंस्करण पर केंद्रित एक प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर कही हैं।

इस प्रदर्शनी में सीएसआईआर प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित करीब 100 उत्पादों, खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों, प्रक्रियाओं और मशीनों को प्रदर्शित किया गया है। यह प्रदर्शनी मुख्य रूप से फसलों के उत्पादन के बाद होने वाले नुकसान को कम करने, फसल उत्पादों के मूल्यवर्द्धन, खाद्य प्रसंस्करण और उसके लिए जरूरी मशीनों पर केंद्रित है।

भारतीय वाणिज्य एंव उद्योग मंडल एसोचैम, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय और सीएसआईआर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस एक दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यहां प्रदर्शित उत्पादों में एक घंटे में 900 रोटियां बनाने की मशीन, मोटे अनाजों से बनी आइसक्रीम, सूखे फल, कच्चे नारियल से बना पाउडर, नारियल आइसक्रीम, हर्बल पेय, ग्रीन कॉफी का अर्क एवं पाउडर, मोटे अनाज से बनी कुकीज, प्याज कटाई के लिए एकीकृत मशीन समेत दर्जनों उत्पाद शामिल हैं। इनमें से कई उत्पादों के प्रसंस्करण की तकनीकों को व्यावसायिक उत्पादन के लिए औद्योगिक इकाइयों को हस्तांरित किया जा चुका है।


" खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए सरकार अनुदान मुहैया करा रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए 75 प्रतिशत और पूर्वोत्तर राज्यों में प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।"

इस मौके पर मौजूद खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि “खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए सरकार अनुदान मुहैया करा रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए 75 प्रतिशत और पूर्वोत्तर राज्यों में प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में जैविक खाद्य उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। पूर्वोत्तर राज्यों में प्रसंस्करण इकाइयों के लगने से पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण प्रसंस्कृत जैविक उत्पाद पहुंच सकेंगे।

हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर, केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मैसूर, केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन, चंडीगढ़, भारतीय समवेत औषध संस्थान, जम्मू, केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान, लखनऊ, राष्ट्रीय अंतर्विषयी विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुवनंतपुरम, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता एवं प्रबंधन संस्थान, सोनीपत एवं राष्ट्रीय कृषि खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान समेत सीएसआईआर, जैव प्रौद्योगिकी विभाग और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय से संबंद्ध कई अन्य संस्थाएं इस प्रदर्शनी में शामिल हैं।

एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि “खाद्य प्रसंस्करण उत्पादकों की आमदनी बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में मददगार हो सकता है। खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए इससे जुड़ी तकनीकों का प्रसार दूरदराज के इलाकों में किया जाना जरूरी है, जिसमें ऐसी प्रदर्शनियां महत्वपूर्ण हो सकती हैं।”


इंडिया साइंस वायर

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