दवाओं के विकास के लिए सीडीआरआई एवं सिप्ला की साझेदारी                                                                 

      

खनऊ स्थित केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) और बहुराष्ट्रीय दवा निर्माता कंपनी सिप्ला के बीच एक नया समझौता किया गया है। दोनों संस्थानों के बीच की जा रही इस साझेदारी से नई एवं उन्नत दवाओं के विकास और उपलब्ध दवाओं के पुनः उपयोग (रिपर्पजिंग) को बढ़ावा मिल सकता है।

सीडीआरआई के निदेशक डॉ. तपस कुमार कुंडू ने कहा है कि "सीएसआईआर-सीडीआरआई दवाओं के विकास एवं अनुसंधान पर केंद्रित देश का प्रमुख संस्थान है। इस संस्थान के लिए सिप्ला जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनी से सहयोग और सक्रिय भागीदारी का यह महत्वपूर्ण क्षण है। इसके माध्यम से सर्वसुलभ एवं सस्ती स्वास्थ्य सेवा के अपने मिशन की पूर्ति हेतु न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक बाजारों के लिए कार्य करेगा। यह सार्वजनिक क्षेत्र की संस्था और फार्मास्युटिकल उद्योग (प्राइवेट) की भागीदारी का एक अनूठा प्रयास है, जो इस देश में विकसित की गई सर्वसुलभ एवं सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं को दुनियाभर में मुहैया कराने का प्रयास करेगा।"


सीएसआईआर और सीडीआरआई के साथ सिप्ला का जुड़ाव वर्ष 1942 से है और सिप्ला सीडीआरआई और आईआईसीटी की प्रयोगशालाओं में विकसित विशेषज्ञताओं से वर्षों में लाभ ले रहा है।

सिप्ला से जुड़े डॉ. वाई.के. हामिद ने कहा है कि "सीएसआईआर और सीडीआरआई के साथ सिप्ला का जुड़ाव वर्ष 1942 से है और सिप्ला सीडीआरआई और आईआईसीटी की प्रयोगशालाओं में विकसित विशेषज्ञताओं से वर्षों में लाभ ले रहा है। सीएसआईआर की दो प्रमुख हस्तियां डॉ. नित्या आनंद और डॉ. ए.वी. रामाराव सिप्ला के साथ निकटता से जुड़े रहे हैं।”

> डॉ. हामिद ने कहा कि “अब सीडीआरआई और सिप्ला भारत के साथ-साथ विश्व स्तर पर नई दवाओं के विकास के लिए एक भविष्य के कार्यक्रम पर विचार कर रहे हैं। उम्मीद है कि इस भागीदारी के आगामी परिणाम बेहतरीन होंगे और यह औषधि अनुसंधान और विकास के माध्यम से देश कि प्रगति के लिए सार्वजनिक और निजी साझेदारी (पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप) का एक उत्कृष्ट उदाहरण साबित होगा है।"
इंडिया साइंस वायर

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