विज्ञान की सहज अभिव्यक्ति से जुड़ी पांच पुस्तकों का लोकार्पण                                                                 

विज्ञान जैसे जटिल विषय को सहज रूप से आम लोगों तक पहुंचाने में नाटकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है। विज्ञान साहित्यकार देवेंद्र मेवाड़ी की नई पुस्तक ‘नाटक नाटक में विज्ञान’ इस बात का जीवंत उदाहरण है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार द्वारा प्रकाशित ‘नाटक नाटक में विज्ञान’ समेत पांच विज्ञान लेखकों की पुस्तकों का लोकार्पण राजधानी दिल्ली में आयोजित विश्व पुस्तक में मेले में किया गया है।

इन पुस्तकों में चर्चित विज्ञान लेखक एवं पत्रकार दिनेश सी. शर्मा की पुस्तक ‘विटनेस टू द मेल्टडाउन’, गोविंद भट्टाचार्य की ‘स्टोरी ऑफ द यूनिवर्स’, एस.के. ईश्वरन की ‘एसेज ऑन केमिस्ट्री’ और रामशरण दास की ‘चुनिंदा विज्ञान कथाएं’ शामिल है। ”

देवेंद्र मेवाड़ी की पुस्तक ‘नाटक नाटक में विज्ञान’ श्रव्य नाटकों के माध्यम से विज्ञान की विस्मयकारी खोजों, आविष्कारों और वैज्ञानिकों की जीवन-गाथा को सामने रखने का एक अभिनव प्रयास है। इन्हें चित्रात्मक भाषा में लिखा गया है। चुटीले संवाद, आवाज एवं मौन के समन्वय से रचे गए ये नाटक विज्ञान को आसानी से समझने में मदद करते हैं।

'नाटक नाटक में विज्ञान’ पुस्तक का विमोचन करते हुए विज्ञान प्रसार के निदेशक श्री चंद्रमोहन (बाएं से दूसरे)

" देवेंद्र मेवाड़ी की पुस्तक ‘नाटक नाटक में विज्ञान’ श्रव्य नाटकों के माध्यम से विज्ञान की विस्मयकारी खोजों, आविष्कारों और वैज्ञानिकों की जीवन-गाथा को सामने रखने का एक अभिनव प्रयास है। इन्हें चित्रात्मक भाषा में लिखा गया है "

‘विटनेस टू द मेल्टडाउन’ पुस्तक दिनेश सी. शर्मा की अंतरराष्ट्रीय ध्रुवीय वर्ष (2007-08) के दौरान की गई आर्कटिक की यात्रा का वृतांत है। यह पुस्तक ध्रुवों पर पिघलती बर्फ की कहानी बयां करते हुए हमें जलवायु परिवर्तन के खतरे के प्रति आगाह करती है।

लोकार्पित की गई अन्य पुस्तकों में प्रसिद्ध रसायन शास्त्र शिक्षक डॉ. एस.वी. ईश्वरन द्वारा लिखी गई ‘एसेज ऑन केमिस्ट्री’ और विज्ञान लेखक गोविंद भट्टाचार्जी की पुस्तक भी शामिल है। एक तरफ ईश्वरन रसायन शास्त्र जैसे विषय को लोकप्रिय अंदाज में लेकर आए हैं, वहीं दूसरी ओर भट्टाचार्जी की पुस्तक ब्रह्मांड की विकास यात्रा को एक नए अंदाज में पेश करती है। रामशरण दास की पुस्तक विज्ञान से जुड़ी कहानियों का संग्रह है, जिसमें बच्चों की रुचि अधिक हो सकती है।

इस बार पुस्तक मेले के थीम पैवेलियन में इन पुस्तकों का विमोचन विज्ञान प्रसार के निदेशक चंद्रमोहन ने किया है। पुस्तकों का विमोचन करते हुए उन्होंने कहा कि ‘आम बोलचाल की भाषा में लिखी गई ये किताबें न केवल संबंधित विषयों को विशिष्ट रूप से पेश करती हैं, बल्कि अपनी सहज अभिव्यक्ति से विज्ञान जैसे विषय की ओर आम लोगों को आकर्षित करने में भी सक्षम हैं।’

पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान जलवायु परिवर्तन और उसके अनुकूलन से जुड़ी भारत की तैयारी पर एक समूह चर्चा का आयोजन भी किया गया था। भारत हिमालय जलवायु अनुकूलन कार्यक्रम से जुड़े मुस्तफा अली खान और वसुधा फांउडेशन के सलाहकार रमन मेहता ने इस परिचर्चा में जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया। समूह चर्चा का संचालन दिनेश सी. शर्मा कर रहे थे। (India Science Wire)