नवाचार प्रोत्साहन के लिए आईआईटी मद्रास और केपजेमिनी की अनूठी पहल                                                                 

      

इंजीनियरिंग के छात्रों के बीच नवाचार को प्रोत्साहन देने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास और जानी-मानी अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता केपजेमिनी के संयुक्त प्रयासों से एक प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य तमिलनाडु स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेजों के छात्रों में नए विचारों को प्रस्फुटन और उन्हें आकार देने के लिए आवश्यक इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए आधार तैयार करना है।

तमिलनाडु के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्र इस प्रतिस्पर्धा में भाग ले सकते हैं। एक समूह में अधिकतम चार छात्रों को भाग लेने की अनुमति दी गई है। किसी एक संस्थान से कितनी भी संख्या में आवेदन किए जा सकते हैं। हालांकि इसमें इंटरनेट ऑफ थिंग्स यानी आईओटी, सूचना प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े नवाचारों पर विचार नहीं किया जाएगा। इससे प्रतिभाशाली छात्रों को अपने नवाचार और क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक बड़ा और आवश्यक मंच मिलेगा। वहीं पुरस्कार राशि और अपने प्रोटोटाइप को मिलने वाले प्रोत्साहन से उनका उत्साह एवं मनोबल भी बढ़ेगा।

इस प्रतिस्पर्धा के आयोजनों और समन्वयन का दायित्व सेंटर फॉर सोशल इनोवेशन एंड आंत्रप्रेन्योरशिप (सीएसआईई) के जिम्मे है। यह संस्था भारत में सामाजिक उद्यमों के लिए शिक्षण एवं शोध जैसी गतिविधियों से जुड़ी है। यह प्रतिस्पर्धा ऑनलाइन प्रारूप में आयोजित की जाएगी। इसमें भाग लेने के इच्छुक प्रतिभागी 21 अगस्त 2021 तक अपना आवेदन कर सकते हैं।


इंजीनियरिंग के छात्रों के बीच नवाचार को प्रोत्साहन देने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास और जानी-मानी अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता केपजेमिनी के संयुक्त प्रयासों से एक प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य तमिलनाडु स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेजों के छात्रों में नए विचारों को प्रस्फुटन और उन्हें आकार देने के लिए आवश्यक इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए आधार तैयार करना है।

इस प्रतिस्पर्धा में उन पॉलिटेक्निक छात्रों को आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा जो ऐसे विचारों के साथ आगे आएंगे, जिनसे किसानों और दस्तकारों जैसे समुदायों की आजीविका को और बेहतर बनाने में मदद मिल सके। उनके विचारों को ऐसी तकनीकों में रूपांतरित किया जाएगा, जो उनकी आजीविका को बढ़ाने में मददगार बन सकें। इसमें शीर्ष स्थान पर आने वाले दो विचारों को 50-50 हजार रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त उनकी परियोजना के प्रतिरूप विकास (प्रोटोटाइप डेवलपमेंट) के लिए भी सीएसआईई औऱ आईआईटी मद्रास संकाय से मार्गदर्शन (मेंटर सपोर्ट) दिया जाएगा।

इस प्रतिस्पर्धा की विशिष्टताओं को लेकर आईआईटी मद्रास में सीएसआईई के परियोजना समन्वयक प्रो. आर. नागराजन ने बताया, 'एलमुनाई (पूर्व छात्रों)द्वारा संचालित यह पहल विभिन्न प्रोत्साहनों और गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक एवं उद्यमिता के प्रोत्साहन पर ध्यान केंद्रित करने वाली है। विशेषकर आइडिया स्पार्क जैसी गतिविधि पिछले कई वर्षों से बहुत सफल रही है, जिसने कॉलेज छात्रों को अपने विचारों के साथ नवाचार करने की दिशा में उन्हें प्रेरित किया है।'

यह पहल भले ही तमिलनाडु तक सीमित है, लेकिन इससे देश के दूसरे संस्थान भी ऐसे कुछ कदम उठाने को प्रेरित हो सकेंगे, जिससे विज्ञान के छात्रों को इनके विचारों पर प्रोत्साहन मिल सके और साथ ही उनके अभिनव प्रयोगों से विभिन्न समुदायों के विकास एवं राष्ट्र के समग्र उत्थान में मदद मिल सके।


इंडिया साइंस वायर

ISW/RM/HIN/20/07/2021

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