रीजेनरॉन अंतरराष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग मेले में टीम इंडिया का शानदार प्रदर्शन                                                                 

      

वर्चुअल रूप से संवाद करते प्रोफेसर आशुतोष शर्मा और विजयी छात्र-छात्राएं

वाचारों पर केंद्रित रीजेनरॉन अंतरराष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग मेले (आईएसईएफ) 2021 में भारत ने नौ सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार और आठ विशेष पुरस्कार जीते हैं। इन नवाचारों में प्रजातियों में अजैविक तनाव का विरोध करने वाले जीन की पहचान से लेकर ऐसे ऑगमेंटेड रियलिटी तकनीक आधारित आला (स्टेथोस्कोप) शामिल हैं जिसके उपयोग से चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ा न होने वाला व्यक्ति भी फेफड़ों की सटीक पड़ताल कर सकता है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले नवाचार युवा छात्रों ने विकसित किए हैं।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) में सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने रीजेनरॉन अंतरराष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग मेला (आईएसईएफ) में ‘टीम इंडिया 2021’ के रूप में भाग लेने वाले सभी विजेताओं के साथ वर्चुअल माध्यम के जरिए बातचीत की। इन छात्रों ने पूरे विश्व के 64 देशों और विभिन्न क्षेत्रों के 1833 उदीयमान वैज्ञानिकों के साथ प्रतिस्पर्धा की और 17 पुरस्कार जीते।

इस अवसर पर प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि “रचनात्मकता ज्ञान को सम्पूर्ण बनाती है। हमारा उद्देश्य रचनात्मक सोच विकसित करना और अपने को अनुत्तरित प्रश्नों के उत्तर ढूंढने में प्रवृत करना होना चाहिए।” इसके साथ ही उन्होंने सभी परियोजनाओं का निरीक्षण किया और विजेताओं को उनके किए गए शोध पर बधाई दी।


नवाचारों पर केंद्रित रीजेनरॉन अंतरराष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग मेले (आईएसईएफ) 2021 में भारत ने नौ सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार और आठ विशेष पुरस्कार जीते हैं। इन नवाचारों में प्रजातियों में अजैविक तनाव का विरोध करने वाले जीन की पहचान से लेकर ऐसे ऑगमेंटेड रियलिटी तकनीक आधारित आला (स्टेथोस्कोप) शामिल हैं जिसके उपयोग से चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ा न होने वाला व्यक्ति भी फेफड़ों की सटीक पड़ताल कर सकता है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले नवाचार युवा छात्रों ने विकसित किए हैं।

इस साल ‘आईआरआईएस राष्ट्रीय मेला’ का आयोजन वर्चुअल रूप से किया गया था। जिसमें 65,000 से अधिक छात्रों एवं विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों ने भाग लिया। मेले में प्रस्तुत परियोजनाओं में विभिन्न वैज्ञानिक विषयों का प्रतिनिधित्व किया गया था और उनके शोध का मूल्यांकन 21 श्रेणियों में किया गया था। ‘टीम इंडिया 2021’ का चयन करने के लिए प्रत्येक परियोजना को एक कठोर निर्णय प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। इसके बाद आईएसईएफ में हिस्सेदारी को लेकर तैयारी करने के लिए आईआरआईएस वैज्ञानिक समीक्षा समिति के सदस्यों ने टीम को प्रशिक्षण दिया।

आईआरआईएस मेले के निदेशक शेरोन ई. कुमार ने कहा आईआरआईएस एक ऐसा मंच है जहां नवाचार की यात्रा का जश्न मनाया जाता है। यह आयोजन वैश्विक मंच पर देश का मान बढ़ाने और युवा छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करता है।

‘आईआरआईएस राष्ट्रीय मेले में 10 से 17 आयु वर्ग के स्कूली छात्र नवीन परियोजनाओं के साथ भाग ले सकते हैं। आईआरआईएस 5 राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलनों से संबद्ध है। इनमें राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (एनसीएससी), राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् (एनसीएसएम) का विज्ञान मेला, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) का जवाहरलाल नेहरू विज्ञान मेला, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की विज्ञान प्रदर्शनी और उत्प्रेरित अनुसंधान कार्यक्रम के लिए विज्ञान में नवाचार (आईएनएसपीआईआरई) पुरस्कार कार्यक्रम शामिल हैं।

इन मेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को आईआरआईएस मेले में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि देश भर से सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली परियोजनाएं भारत का प्रतिनिधित्व कर सकें और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।


इंडिया साइंस वायर

ISW/AP/NSM/HIN/05/07/2021

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