वैज्ञानिकों ने विकसित की टगबोट्स में ईंधन की खपत कम करने की तकनीक                                                                 

      

जहाज को धकेलती ‘टगबोट्स’ (फोटो: क्रिएटिव कॉमन्स)

रेलू समुद्री परिवहन मार्ग सड़क परिवहन का एक प्रभावी विकल्प बनकर उभर रहा है। बढ़ते समुदी यातायात को देखते हुए और समुद्री व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए अनेक समुद्र-पत्तनों के विकास और विस्तार का कार्य चल रहा है। भारतीय समुद्र-पत्तनों पर पर्यावरण-अनुकूल स्थायी समाधान विकसित करने और कार्बन पदचिह्न को कम करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी रुड़की) के जल संसाधन विकास और प्रबंधन विभाग, आईआईटी रुड़की की हाइड्रोपावर सिमुलेशन प्रयोगशाला (एचएसएल) और विशाखापत्तनम स्थित भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय (आईएमयू-वी) ने एक साझा शोध-अध्ययन किया है।

इस साझा शोध में एचएसएल के शोधकर्ताओं ने पत्तन पर लगने वाले जहाजों को धकेल कर व्यवस्थित करने वाले ‘टगबोट्स’ के बिजली स्रोतों के कार्य-तंत्र को ऐसे समायोजित किया है जिससे ईंधन की न्यूनतम संभव मात्रा की खपत हो। शोध के दौरान डीजल इंजन एवं बिजली उपकरणों का तकनीक की सहायता से इस प्रकार समायोजन किया गया कि पहले की तुलना में ईंधन की लागत कम हो गई। इसके लिए टगबोट्स में लगे पावर जनरेटिंग यूनिट्स में सप्लाई होने वाली बिजली की गति को एडजस्ट किया गया। गति को एडजस्ट करने के लिए ‘स्टेट मशीन कंट्रोल एल्गोरिथम' के प्रयोग द्वारा डीजल की खपत में 29 प्रतिशत तक की बचत दर्ज की गई।


घरेलू समुद्री परिवहन मार्ग सड़क परिवहन का एक प्रभावी विकल्प बनकर उभर रहा है। बढ़ते समुदी यातायात को देखते हुए और समुद्री व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए अनेक समुद्र-पत्तनों के विकास और विस्तार का कार्य चल रहा है। भारतीय समुद्र-पत्तनों पर पर्यावरण-अनुकूल स्थायी समाधान विकसित करने और कार्बन पदचिह्न को कम करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी रुड़की) के जल संसाधन विकास और प्रबंधन विभाग, आईआईटी रुड़की की हाइड्रोपावर सिमुलेशन प्रयोगशाला (एचएसएल) और विशाखापत्तनम स्थित भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय (आईएमयू-वी) ने एक साझा शोध-अध्ययन किया है।

आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत कुमार ने कहा कि आईआईटी रुड़की और आईएमयू विशाखापत्तनम द्वारा इस संयुक्त शोध ने आशाजनक परिणाम दिखाए हैं। हम इस प्रयास को और सुदृढ़ करना चाहते हैं ताकि यह हमारे समुद्री उद्योग को सशक्त बना सके।

हाइड्रोपावर सिमुलेशन लैब और जल संसाधन विकास और प्रबंधन विभाग के प्रभारी अधिकारी थंगा राज चेलिया ने कहा कि एचएसएल और आईएमयू-वी के संयुक्त अनुसंधान प्रयास ने ईंधन-कुशल समुद्री परिवहन समाधान की उपलब्धि हासिल की है। अनुसंधान में उपयोग की जाने वाली कार्यप्रणाली ने महत्वपूर्ण परिणाम प्राप्त किए हैं, जिससे 29.86% तक ईंधन की बचत हुई है। यह प्रयास सिद्ध करता है कि उच्च गुणवत्ता वाला शोध आधुनिक, प्रभावी, कुशल और पर्यावरण-अनुकूल व्यावसायिक समाधान प्रस्तुत कर सकता है।

यह शोध कार्य पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त-पोषित किया गया। वहीं, शोध हेतु विशाखापत्तनम पोर्ट ट्रस्ट ने विभिन्न प्रकार के समुद्री जहाजों, उनके परिचालन कार्यक्रम और अपेक्षित डिजाइन व्यवहार्यता से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी मुहैया कराई थी।


इंडिया साइंस वायर

ISW/AP/HIN/23/06/2021

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