भारत ने पार किया 50 करोड़ कोविड-19 नमूनों के परीक्षण का आंकड़ा                                                                 

      

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)

भारत में कोविड-19 परीक्षण प्रोटोकॉल तैयार करने में अग्रणी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 18 अगस्त, 2021 तक 50 करोड़ परीक्षण करके एक मील का पत्थर पार कर लिया है। अगस्त महीने में 17 लाख से अधिक औसत दैनिक परीक्षण के साथ भारत ने अब तक देश भर में 50 करोड़ नमूनों का परीक्षण किया है।

आईसीएमआर द्वारा जारी एक ताजा बयान में कहा गया है कि भारत ने अंतिम दस करोड़ परीक्षण केवल पिछले 55 दिनों में किये हैं। 21 जुलाई 2021 तक भारत ने 45 करोड़ कोविड-19 नमूनों का परीक्षण किया था, जो 18 अगस्त, 2021 को 50 करोड़ अंक तक पहुँच गया है। देश भर में तेजी से परीक्षण के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे और क्षमता को बढ़ाकर यह संभव हो सका है। प्रभावी तकनीक और किफायती डायग्नोस्टिक किट को सुविधाजनक बनाकर परीक्षण क्षमता का विस्तार देश भर में किया जा रहा है। परीक्षण की पहुँच और उपलब्धता बढ़ाने के लिए इससे जुड़ी रणनीतियों को सावधानीपूर्वक अमल में लाया जाता है।


भारत में कोविड-19 परीक्षण प्रोटोकॉल तैयार करने में अग्रणी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 18 अगस्त, 2021 तक 50 करोड़ परीक्षण करके एक मील का पत्थर पार कर लिया है। अगस्त महीने में 17 लाख से अधिक औसत दैनिक परीक्षण के साथ भारत ने अब तक देश भर में 50 करोड़ नमूनों का परीक्षण किया है।

प्रोफेसर (डॉ.) बलराम भार्गव, महानिदेशक, आईसीएमआर बताते हैं- “हमने देखा है कि परीक्षण में तेज वृद्धि से कोविड-19 मामलों की शीघ्र पहचान, शीघ्र अलगाव और प्रभावी उपचार हुआ है। यह परीक्षण मील का पत्थर इस तथ्य का प्रमाण है कि भारत 5T दृष्टिकोण "टेस्टिंग, ट्रैक, ट्रेस, ट्रीटमेंट और टेक्नोलॉजी के उपयोग" की रणनीति को कुशलतापूर्वक लागू करने में सफल रहा है, जो हमें महामारी के प्रसार को रोकने में सक्षम करेगा। इसके अलावा, डायग्नोस्टिक किट के बढ़े हुए उत्पादन ने भारत को आत्मनिर्भर बना दिया है, जिसके परिणामस्वरूप लागत में कमी आयी है और परीक्षण किट की उपलब्धता में सुधार हुआ है।'' परीक्षण को बढ़ाने और विविधता लाने की दिशा में आईसीएमआर के ठोस प्रयासों ने बुनियादी ढाँचा तैयार किया, जिससे कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान भारत की बढ़ी हुई परीक्षण आवश्यकताओं को पूरा करना संभव हो सका है। अभी भी कोविड-19 की उच्च संक्रमण दर वाले क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर परीक्षण जारी हैं। परीक्षणों में लगने वाले समय को कम करने की दिशा में भी प्रगति हुई है। आईसीएमआर अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग से किफायती डायग्नोस्टिक किट में नवाचार की सुविधा प्रदान करके देश भर में कोविड-19 परीक्षण क्षमता को और बढ़ा रहा है। कोविड-19 परीक्षण को सर्वसुलभ बनाने के लिए घर पर ही आसानी से परीक्षण के लिए सेल्फ-डायग्नोस्टिक किट विकसित और अनुमोदित की गई हैं।

आईसीएमआर ने कहा है कि यह सुनिश्चित किया गया है कि सामान्य परीक्षण (RT-PCR), उच्च-थ्रूपुट परीक्षण (COBAS), दूरस्थ स्थानों पर परीक्षण और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर होने वाले परीक्षण (TrueNAT, CBNAAT), नियंत्रण क्षेत्रों (रैपिड एंटीजन परीक्षण) और बड़ी संख्या में प्रवासी आबादी (पूल नमूना परीक्षण) के लिए एक विशिष्ट परीक्षण मंच उपलब्ध हो सके। आज देश में नैदानिक प्रयोगशालाओं की कुल संख्या 2876 तक पहुँच गई है। जिनमें पूरी तरह समर्पित 1322 सरकारी प्रयोगशालाएं शामिल हैं, जबकि निजी प्रयोगशालाओं की संख्या 1554 है।


इंडिया साइंस वायर

ISW/USM/ICMR/HIN/19/08/2021

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