डिजिटल उपकरणों के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजे नए पदार्थ

नम्रता दवे

मुंबई: र रोज बदलती तकनीक के साथ उसकी कार्यक्षमता को बेहतर बनाने वाले पदार्थों की खोज भी जरूरी है। भारत एवं स्वीोडन के वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे पदार्थों की पहचान की है, जो नई पीढ़ी के डिजिटल उपकरणों के निर्माण में मददगार साबित हो सकते हैं।

क्ला्उड पर डाटा स्टोर करने से लेकर पोर्टेबल हार्ड ड्राइव बनाने और तीव्र गति के कंप्यूकटर रैम जैसी तमाम आधुनिक ऐप्लीपकेशन्सड को क्वांपटम यांत्रिकी में स्पिनट्रोनिक्सय या स्पिन इलेक्ट्रोीनिक्स के अंतर्गत रखा गया है। आईआईटी-गुवाहाटी और स्वीशडन की उप्पकसला यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कुछ ऐसे नए चुंबकीय पदार्थों की पहचान की है, जो स्पिनट्रोनिक्सव में उपयोग हो सकते हैं।

इलेट्रॉनिक उपकरणों के जरिये आवेशित होने वाले इलेक्ट्रॉंन्स में स्पिन नामक गुण पाए जाते हैं, जिनके किसी छोटे चुंबकीय क्षेत्र में दो रूप स्पिन-डाउन और स्पिन-अप हो सकते हैं। स्पिन इलेक्ट्रॉनिक्स में इलेक्ट्रॉन के स्पिन एवं उसके आवेशी गुणों का उपयोग इलेट्रॉनिक डिवाइसों में ट्रांसफर स्पीीड को बेहतर बनाने से लेकर स्टोकरेज क्षमता में सुधार करने जैसे विविध कामों में किया जाता है।

" शोधकर्ताओं ने हेजलर फैमिली के यौगिकों की दो श्रेणियों पर अपना ध्यालन केंद्रित किया, जिनके पास कुछ चुंबकीय गुण Co-X’-Mn-Si और Co-X’-Fe-Si होते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इनमें X’ एक रहस्यएमयी तत्व है। ,"

यह पहले से ज्ञात है कि इंटर-मेटैलिक हेजलर नामक तत्वों में कुछ खास चुंबकीय गुण होते हैं, जो स्पिनट्रोनिक्से ऐप्लीलकेशन्सक में उपयोगी होते हैं। भारतीय और स्वीडिश शोधकर्ताओं ने इस फैमिली के अन्यो यौगिकों का पता लगाने के लिए एक व्यवस्थित खोज की है, जो स्पिनट्रोनिक्सश उपकरणों में इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

शोधकर्ताओं ने हेजलर फैमिली के यौगिकों की दो श्रेणियों पर अपना ध्या न केंद्रित किया, जिनके पास कुछ चुंबकीय गुण Co-X’-Mn-Si और Co-X’-Fe-Si होते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इनमें X’ एक रहस्ययमयी तत्व् है। पीरियोडिक टेबल में इट्रि यम से सिल्वकर तक प्रत्येक नौ तत्वों को X’ के स्थांन पर प्रतिस्थाकपित करने पर वैज्ञानिकों को 18 संभावित तत्वय मिले हैं।

इन तत्वों के वैद्युतीय, संरचनात्मेक एवं चुंबकीय गुणों का पता लगाने के लिए डेंसिटी फंक्शोनल थ्योंरी (डीएफटी) नामक कंप्यूवटेशनल मॉडलिंग विधि उपयोग की गई है। इस विश्लेतषण के आधार पर दो नए तत्वों Co-Tc-Mn-Si और Co-Rh-Mn-Si के बारे में पता चला है, जिसमें क्रमश: टेक्नेटियम और रोडियम पाए जाते हैं।

बेहतर इलेक्ट्रॉंनिक संरचना एवं स्थांयित्वम के अलावा इन दोनों तत्वोंै में हाफ मेटैलिसिटी एवं हाई क्यूफ‍री तापमान जैसे गुण पाए जाते हैं, जो स्पिनट्रोनिक्सा ऐप्लीसकेशन्सन में जरूरी माने हैं। इलेक्ट्रॉ निक उपकरणों के कस्टसमाइज्डन एवं सुरक्षित कंडक्शतन में हाफ मेटैलिसिटी में मददगार होती है। वहीं, लंबे समय तक उपयोग किए जाने या फिर उच्चर ताप के संपर्क के कारण उपकरण गर्म हो जाते हैं, जिसका असर उनके चुंबकीय गुणों पर पड़ता है। हाई क्यूग‍री ताप वाले पदार्थोंके उपयोग से इस समस्याह को भी दूर किया जा सकता है।

अध्ययनकर्ताओं को यह पता लगाने में भी सफलता मिली है कि हाफ मेटैलिक तत्वोंक में हाई क्यू ‍री तापमान अनिवार्य रूप से नहीं पाया जाता। इन तथ्योंं के आधार पर भविष्यफ में नए पदार्थोंसे जुड़े शोधों में मदद मिल सकती है।

इस अध्य्यन से जुड़े नतीजे साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं। रिसर्च टीम में आशीष कुंडू, श्रीकृष्ण घोष, रूद्र बैनर्जी, शुभ्रदीप घोष एवं बिपल्बए सान्याटल शामिल थे। (India Science Wire)

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