विज्ञान कांग्रेस के लिए तैयार है इंफाल, प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन                                                                 

णिपुर की राजधानी इंफाल 105वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस के आयोजन के लिए पूरी तरह तैयार है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन करेंगे।

भारतीय विज्ञान कांग्रेस दुनिया भर के विज्ञान से जुड़े पेशेवरों का वार्षिक समागम है। इस बार मणिपुर विश्वविद्यालय इसका आयोजन कर रहा है। विज्ञान कांग्रेस 16 मार्च शुरू होकर 20 मार्च तक चलेगी। इसकी थीम इस बार “रीचिंग टू अनरीच्ड थ्रू साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी” रखी गई है।

मणिपुर विश्वविद्यालय के उप-कुलपति आद्या प्रसाद पांडेय के अनुसार “मणिपुर विश्वविद्यालय पहली बार भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आयोजन कर रहा है। इस बार विज्ञान कांग्रेस में नोबेल पुरस्कार विजेता, देश-विदेश के वैज्ञानिकों, विद्वान और कॉरपोरेट अधिकारियों सहित करीब 5,000 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।”

दुनिया की अधिकांश राष्ट्रीय विज्ञान अकादमियों समेत भारत की विज्ञान और इंजीनियरिंग अकादमियां भी विज्ञान कांग्रेस में भाग ले रही हैं। भारतीय विज्ञान कांग्रेस के दौरान वैज्ञानिकों का व्याख्यान, महिला विज्ञान कांग्रेस, बाल विज्ञान कांग्रेस, विज्ञान संचारक सम्मेलन सहित विज्ञान के विभिन्न विषयों पर समांतर सत्रों का आयोजन किया जाएगा।

" वर्ष 1914 से भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन द्वारा विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है। भारत में आधुनिक विज्ञान को आगे बढ़ाना एवं समाज के विकास के लिए इसका उपयोग करना इस संस्था की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य है।"

विज्ञान कांग्रेस के दूसरे दिन, 17 मार्च को बाल विज्ञान कांग्रेस शुरू होगी, जिसका समापन 18 मार्च को होगा। जबकि, महिला विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन 18 मार्च को होगा और अगले दिन इसका विदाई सत्र आयोजित किया जाएगा।

विज्ञान कांग्रेस के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें टिकाऊ नवोन्मेष, जल, स्वच्छता, जलवायु परिवर्तन, सभी के लिए भोजन, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, वनों से संबंधित प्रौद्योगिकी, डिजिटल संचार और अंतरिक्ष विज्ञान शामिल हैं।

वर्ष 1914 से भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन द्वारा विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है। भारत में आधुनिक विज्ञान को आगे बढ़ाना एवं समाज के विकास के लिए इसका उपयोग करना इस संस्था की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य है। इस संस्था के आरंभ से ही भारत के शीर्ष वैज्ञानिक, शिक्षाविद् एवं राजनेता से इससे जुड़े रहे है।

105वीं विज्ञान कांग्रेस इस साल जनवरी में हैदराबाद में होने वाली थी, पर किन्हीं कारणों से इसका आयोजन वहां पर नहीं किया जा सका।

पूर्वोत्तर भारत में दूसरी बार विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले वर्ष 2009 में 96वीं विज्ञान कांग्रेस का आयोजन मेघालय की राजधानी शिलांग में किया गया था। (India Science Wire)