खगेाल विज्ञान

खगोलविज्ञान एक ऐसे आकर्षक विषय है जो न केवल विद्यार्थियों को आकर्षित करता है बल्कि आम आदमी को भी मोह लेता है। सभी आयु समूहों में विषयों को समझने की जिज्ञासा बहुत आम है। ऐतिहासिक रूप से, खगोल विज्ञान ग्रहों, तारों, आकाशगंगाओं और अन्य खगोलीय पिंड़ों और घटनाओं के अध्ययन से संबंधित सबसे पुराने विज्ञानों में से एक है। अति प्राचीन काल से रात्रिकालीन आसमान ने भारतीयों, बेबिलिनियों, मिस्रवासियों, चीनवासियों और ग्रीक समेत कई संस्कृतियों को आकर्षित किया है और यह आज भी हमें आकर्षित कर रहा है।

विज्ञान प्रसार विभिन्न माध्यमों के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर खगोल विज्ञान के लोकप्रियकरण में कार्यतर है। विज्ञान प्रसार ने अपने गठन के बाद से ही कई खगोलीय उपकरणों की खरीदी करने के साथ ही खगोलविज्ञान संबंधी कई खगोल विज्ञान जागरूकता कार्यक्रमों को आयोजित करने के साथ ही स्रोत संसाधनों सामग्रियों का विकास किया है।

खगोल विज्ञान के लिए विज्ञान प्रसार द्वारा किए जाने वाली गतिविधियों निम्नलिखित हैं:
  • विद्यालयों, महाविद्यालयों, आम जनता, विपनेट क्लबों आदि के लिए नियमित आधार पर खगोल विज्ञान जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन।
  • दूरबीन के माध्यम से खगोलीय अवलोकन।
  • रात्रिकालीन आकाश के अवलोकन संबंधी कार्यक्रम।
  • खगोलीय दूरबीन निर्माण कार्यशालाएं।
  • अपनी छत से ब्रह्मांड को निहारे (दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित स्कूलों एवं विपनेट क्लबों को दूरबीन प्रदान करना।)
  • खगोल विज्ञान पर संसाधन सामग्री के डिजाइन और विकास संबंधी कार्यक्रम।
  • प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से खगोल विज्ञान लोकप्रियकरण।