प्रसारित हो रहे विज्ञान कार्यक्रम

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‘द फर्स्ट मार्डन इंडियन साइंटिस्ट: आचार्य जगदीश चंन्द्र बोस’ द फर्स्ट मार्डन इंडियन साइंटिस्ट: आचार्य जगदीश चंन्द्र बोस यह वृत्तचित्र दर्शकों को प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक आचार्य जगदीश चंन्द्र बोस द्वारा रेडियो तरंगों पर किए गए शोध कार्य के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेगा। 23 नवंबर, 2017 को देखिए डीडी इंडिया पर दोपहर 4 बजे
“खुदबुद: खेल विज्ञान के”खुदबुद: खेल विज्ञान के देखिए डीडी-नेशनल पर खुदबुद एक अद्वितिय टेलीविजन धारावाहिक है, जिसका उद्देश्य विज्ञान को लोकप्रिय करने के साथ ही विज्ञान विधि को मुख्य तौर पर बढ़ावा देना है। इसमें बच्चों को लक्ष्यित करके रचनात्मकता और स्वयं करने की क्षमता का विकास करने को बढ़ावा दिया गया है। खुदबुद के माध्यम से करके सीखो वाली भावना के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस कार्यक्रम को अनोखे स्वरूप ‘यात्रवृत्त’ के रूप में देश के विद्यालयों और समुदायों में फिल्माया गया है। 11 नवंबर, 2017 से दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर प्रत्येक शनिवार प्रात: 09:30 बजे प्रसारित
“ज्ञान विज्ञान”gyan-vigyan विज्ञान प्रसार द्वारा राज्यसभा टीवी से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में घटित होने वाली नवीनतम घटनाओं की जानकारी के लिए एक साप्ताहिक समाचार कार्यक्रम का प्रसारण किया जा रहा है। हिन्दी में प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम का नाम ‘ज्ञान विज्ञान’ एवं अंग्रेजी में प्रसारित होने वाले कार्यक्रम का नाम ‘साइंस मॉनिटर’ है। यह साप्ताहिक कार्यक्रम पूरे सप्ताह के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घटित होने वाली घटनाओं, खोजों एवं महत्वपूर्ण आयोजनों पर आधारित है। प्रसारण के बाद इस कार्यक्रम को राज्यसभा टीवी के यूट्यूब चैनल पर भी देखा जा सकता है।
Promo “Gyan Vigyan”
राज्यसभा टीवी से प्रत्येक शनिवार दोपहर 15:30 बजे प्रसारित एवं पुन: प्रसारण रविवार सुबह 11:30 बजे।
“साइंस मॉनिटर” sciene-monitor-title विज्ञान प्रसार द्वारा राज्यसभा टीवी से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में घटित होने वाली नवीनतम घटनाओं की जानकारी के लिए एक साप्ताहिक समाचार कार्यक्रम का प्रसारण किया जा रहा है। हिन्दी में प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम का नाम ‘ज्ञान विज्ञान’ एवं अंग्रेजी में प्रसारित होने वाले कार्यक्रम का नाम ‘साइंस मॉनिटर’ है। यह साप्ताहिक कार्यक्रम पूरे सप्ताह के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घटित होने वाली घटनाओं, खोजों एवं महत्वपूर्ण आयोजनों पर आधारित है। प्रसारण के बाद इस कार्यक्रम को राज्यसभा टीवी के यूट्यूब चैनल पर भी देखा जा सकता है।
Promo “Science Monitor”
राज्यसभा टीवी से प्रत्येक शनिवार दोपहर 15:00 बजे प्रसारित एवं पुन: प्रसारण रविवार सुबह 11 बजे।
‘वाईस स्पाईस’sciene-monitor-title वाईस स्पाईस कार्यक्रम में मसालों की संस्कृति, इतिहास, योगदान, चिकित्सा, पारंपरिक ज्ञान, भोजन एवं कृषि सहित अनेक पहलूओं को शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम की सबसे विशेष बात यह है कि इसमें मसालों पर होने वाले वैज्ञानिक अनुसंधानों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
हमारे जीवन में भोजन को स्वादिष्ट बनाने वाले कारक मसाले हैं। मसाले लोगों के खान-पान, उनकी जीवनशैली को प्रभावित करते रहे हैं। सदियों तक मानव अन्वेषणों, महाद्वीपों और युद्धों के दौरान भी अपने जहाजों को नए मसालों की खोज के लिए तैयार रखता था।
औषधीय विज्ञान से लेकर पारंपरिक ज्ञान तक सभी में मसाले आधार रहे हैं। ये हर एक के लिए एक श्रृंखला के समान रहे हैं। इस धारावाहिक में बताया गया है कि पारंपरिक ज्ञान और वैज्ञानिक अनुसंधान एक-दूसरे की पूरक न होकर एक दूसरे के सहयोगी हैं। अनोखी केसर से लेकर तीन दक्षिणी राज्यों में उगने तीखी काली सहित मिर्च, लौंग, इलायची, हल्दी, हींग, जायफल, जावित्री, जीरा सहित अनेक मसालों के बारे में यह धारावाहिक महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराता है।
मसालों की दुनिया की रोमांचक यात्रा में संस्कृति, कला, भोजन, यहां तक कि पौराणिक कथाएं भी हैं जो विज्ञान के रंग से और निखर आयी है। 
3 सितंबर, 2017 से डीडी—इंडिया से प्रत्येक रविवार सुबह 11:00 बजे प्रसारित एवं पुन: प्रसारण रात्रि 23:00 पर
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति
Bharat-Mai-Shuchana-Prodhyodiki-Kranti
ये दौर है डिजिटल इंडिया का। चाहे बैंकिंग और कानून व्यवस्था जैसी बुनियादी सेवाए हों या आहार सुरक्षा, सेहत और शिक्षा जैसे नागरिक अधिकार, चाहे हमारी ऐतिहासिक विरासतों को बहाल करना हो, या फिर मौसम के बारे में पूर्व घोषणा करनी हो, भारतीय जीवन का हर पहलू आज इन्फॉरमेशन एंड कम्यूनिकेशन टैक्नॉलॉजीज के सम्पर्क में है। जब 100 करोड़ से ज्यादा लोगों का देश डिजिटल माध्यमों के जरिये सशक्त होता है, तो क्या होता है? यही जानने के लिए देखिए ये सीरीज। 19 अगस्त, 2017 से लोकसभा टीवी से प्रत्येक शनिवार सुबह 11:00 बजे प्रसारित
चटपटे राज़ ICT-history-still विज्ञान प्रसार द्वारा निर्मित चटपटे राज़ कार्यक्रम में मसालों की संस्कृति, इतिहास, योगदान, चिकित्सा, पारंपरिक ज्ञान, भोजन एवं कृषि सहित अनेक पहलूओं को शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम की सबसे विशेष बात यह है कि इसमें मसालों पर होने वाले वैज्ञानिक अनुसंधानों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
हमारे जीवन में भोजन को स्वादिष्ट बनाने वाले कारक मसाले हैं। मसाले लोगों के खान-पान, उनकी जीवनशैली को प्रभावित करते रहे हैं। सदियों तक मानव अन्वेषणों, महाद्वीपों और युद्धों के दौरान भी अपने जहाजों को नए मसालों की खोज के लिए तैयार रखता था।
औषधीय विज्ञान से लेकर पारंपरिक ज्ञान तक सभी में मसाले आधार रहे हैं। ये हर एक के लिए एक श्रृंखला के समान रहे हैं। इस धारावाहिक में बताया गया है कि पारंपरिक ज्ञान और वैज्ञानिक अनुसंधान एक-दूसरे की पूरक न होकर एक दूसरे के सहयोगी हैं। अनोखी केसर से लेकर तीन दक्षिणी राज्यों में उगने तीखी काली सहित मिर्च, लौंग, इलायची, हल्दी, हींग, जायफल, जावित्री, जीरा सहित अनेक मसालों के बारे में यह धारावाहिक महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराता है।
मसालों की दुनिया की रोमांचक यात्रा में संस्कृति, कला, भोजन, यहां तक कि पौराणिक कथाएं भी हैं जो विज्ञान के रंग से और निखर आयी है। 
30 जुलाई, 2017 से राज्यसभा टीवी से प्रत्येक रविवार दोपहर 12:30 बजे प्रसारित